Wednesday, February 18, 2015

सरकार ने कसा ट्रेड यूनियनों पर शिकंजा--नहीं कर सकेंगे हड़ताल

लुधियाना रेलवे स्टेशन पर NRMU ने किया तीखा विरोध
लुधियाना: 18 फ़रवरी 2015:  (रेक्टर कथूरिया//रेल स्क्रीन):
केंद्र सरकार की तरफ से गत रात जारी आदेशों के मुताबिक अब कोई भी ट्रेड यूनियन हड़ताल नहीं कर सकेगा। आपात काल की याद दिलाने वाले इस आदेश के विरोध में आज NRMU ने रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट पर ज़ोरदार रोष रैली करके जवाबी चेतावनी दी कि हम अपने इस अधिकार को कदाचित नहीं छोड़ेंगे। कामरेड कुलदीप राय की अध्यक्षता में हुई इस रोष रैली में कामरेड दलजीत सिंह ने रेल स्क्रीन से एक भेंट के दौरान बताया कि वास्तव में मोदी सरकार सभी सरकारी विभागों-खासकर रेलवे के निजीकरण का फैसला कर चुकी है। रेलवे में 100  फ़ीसदी एफ़ डी आई का फैसला भी हो चुका है। सरकार की नीतियों के खिलाफ रेल मुलाज़िम देश के पांच प्रमुख ट्रेड यूनियन संगठन सरकार के इस इरादे के खिलाफ संघर्ष करेंगे। देश भर में हो रहे इस विरोध में 120 अन्य मुलाज़िम संगठन भी शामिल हैं। इस संघर्ष का बिगुल बजाते हुए कामरेड कि  28 फ़रवरी को NRMU की तरफ से संसद के सामने विशाल रोष प्रदर्शन होगा और 28 अप्रैल को फिर दस लाख वर्कर एकजुट होकर राष्ट्रव्यापी रोष व्यक्त करेंगे। उसी दिन राष्ट्रव्यापी हड़ताल आह्वान भी होगा। हड़ताल अधिकार को जनता कभी छिनने नहीं देगी। 
इसके साथ ही उन्होंने दोहराया कि कल 17 फ़रवरी को रेलगाड़ी को दो घंटे तक रोके रखने का फैसला रेल प्रशासन का था लेकिन अब इसे हमारे सर पर मढ़ कर हमारे ही खिलाफ कार्रवाई की जो साज़िश चल रही है उसे हम सफल नहीं होने देंगें। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार और रेल प्रशासन ऐसी हरकतों से इस रेल मंडल की शांति भंग न करे। अगर यह हुआ तो इसकी ज़िम्मेदारी DRM फिरोज़पुर की होगी। 
इस मौके पर कामरेड परमजीत सिंह, शोक कुमार, घनश्याम सिंह,राज कुमार सूद, महिंदरपाल, वरिंदर वीरू, सुखजिंदर सिंह और गौरव इत्यादि भी मौजूद थे।

लुधियाना रेलवे स्टेशन पर हंगामा--NRMU का ज़ोरदार प्रोटेस्ट

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