Monday, October 8, 2012

भारतीय रेल

08-अक्टूबर-2012 16:36 IST
सुरक्षित यात्रा के लिए बहुआयामी रणनीति:कई नई योजनायें 
                                                                                                                                                    Courtesy Photo
भारतीय रेलवे सुरक्षित, तेज, स्‍वच्‍छ और आरामदायक यात्री रेलगाडि़यां प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपना रहा है। बजट में की गई घोषणा के अनुसार 350 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने वाली रेलगाडि़यां (जिन्‍हें आमतौर पर बुलेट ट्रेन कहा जाता है) चलाने की संभावनाओं का अध्‍ययन कराने के लिए सात गलियारों की पहचान की गई है। ये गलियारे सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिये स्‍थापित किये जाएंगे। जापान की मदद से दिल्‍ली-मुंबई मार्ग पर रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए एक अध्‍ययन किया जा रहा है जिसे सेमी हाई स्‍पीड नाम दिया गया है। 

इसके साथ ही भारतीय रेलवे 130-160 किमी/घंटे की रफ्तार से इंटरसिटी यात्राओं के लिए इलेक्‍ट्रीकल मल्‍टीपल यूनिट (ईएमयू) ट्रेन सेट हासिल करने की दिशा में कार्य कर रही है। ट्रेन सेट टेक्‍नोलॉजी को अपनाने की घोषणा इस वर्ष के रेल बजट में भी की गई थी। भारतीय रेलवे ने निकट भविष्‍य में ऐसी आधुनिक ईएमयू ट्रेनों के सेट डिजाइन करने का प्रस्‍ताव रखा है जब शताब्‍दी/राजधानी ट्रेनों को वर्तमान पटरियों और सिगनलिंग ढांचे पर अतिरिक्‍त खर्च किये बिना 130 किमीप्रतिघंटा/150 किमीप्रतिघंटा की रफ्तार पर चलाया जा सकेगा। राजधानी ट्रेनके मार्ग पर वर्तमान रेल पटरियां 150 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के योग्‍य हैं लेकिन स्‍पीड को लेकर अनेक प्रतिबंधों के कारण राजधानी/शताब्‍दी की औसत रफ्तार 90 किमी. प्रति घंटा से कम है। प्रस्‍तावित आधुनिक ईएमयू ट्रेनें इन प्रतिबंधों से मुक्‍त होंगी और तेज तथा सुरक्षित आवाजाही की व्‍यवस्‍था प्रदान करेंगी। इनसे समय भी कम लगेगा। 

प्रस्‍तावित ईएमयू ट्रेन सेटों में 21 कोच हो सकते हैं। ईएमयू ट्रेन सेट ऊर्जा प्रभावोत्‍पादक, एरोडायनेमिकली डिजाइन की हुई हल्‍के वजन वाली हैं। ट्रेन को वर्तमान 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर बिना अतिरिक्‍त खर्च के हावड़ा और नई दिल्‍ली के बीच 2.5 से 3.0 घंटा समय कम लगेगा। आधुनिक ट्रेन सेट पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल हैं, आवाज रहित, 30 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत वाली हैं और इनसे पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता। ट्रेन सेट तीन चरण वाले आधुनिक आईजीबीटी टेक्‍नोलॉजी से लैस हैं और इनके रखरखाव पर बहुत कम खर्च आता है। (PIB)

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